Today Grahan Time, Surya Grahan 2025, सूर्य ग्रहण 2025:
आज के दिन, 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा साथ ही में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ये घाटना वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
कुछ राशियों पर इसका प्रभाव हो सकता है,
जबकी खगोल प्रेमियों के लिए ये एक रोमनचक खगोलिया घाटना होगी।
नहीं किया जाता पूजा पाठ ग्रहण के दौरन जाने क्यों?
ग्रहों के समय पूजा-पाठ ना करने के पीछे हिंदू धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं। एसा मन जाता है कि इस दौरन बाहरी वातवरण में नकारात्मक ऊर्जा होती है, काली शक्ति सकारिया हो जाती है, जो साकारात्मक शक्तियों को प्रभावित करती है। इस पूजा-पाठ का उछित फल नहीं मिलता या अशुभ माना जाता है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा की शक्तियां कम हो जाती हैं, जिसके समय में पूजा-पाठ लाभदायक नहीं हो सकती। इसलिए हिंदू धर्म में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है और इस दौरान पूजा-पथ से बचने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण को अशुभ माना जाता है क्यों?
धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, ग्रहण के कारण सूर्य या चंद्र देव राहु-केतु के प्रभाव में आ जाते हैं, जिनकी शक्ति क्षीण हो जाती है और बाहरी वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
इसलिए,
इस समय को अच्छा नहीं माना जाता है और पूजा-पथ नहीं करने की सलाह दी जाती है। इस समय ग्रह में आसुरी शक्तियाँ अधिक प्रभावित होती हैं, जो शुभ कार्यों में अर्चन दल शक्ति हैं।
इसलिए,
मंदिरों के कपाट द्वार बंद कर दिए जाते हैं और घरों में भी पूजा स्थल पर परदे लगा दिए जाते हैं। मानता है कि इस समय की गई पूजा का अच्छा फल नहीं मिलता है। ग्रहोन के समाप्ति के बाद, शुद्धीकरण स्नान करना और घरो में गंगाजल छिड़कना अच्छा माना जाता है।
क्या विधि के बाद ही फिर से पूजा-पाठ आरंभ किया जाना शुभ होता है। इस करण, ग्रहण के समय पूजा-पाठ ना करने की परंपरा धार्मिक और ज्योतिषीय करणों के आधार पर है।
सूर्य ग्रहण नियम, ध्यान रखें ये जरूरी बातें:
- नंगी आंखों से सूर्य न देखें – ग्रहण के समय सूरज की तेज रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए इसे बिना सुरक्षित चश्मे के न देखें।
- खाना न खाएं – मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
- घर से बाहर न निकलें – खासकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को इस समय घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है ताकि कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
- पूजा-पाठ न करें – इस समय मंदिरों के दरवाजे बंद रहते हैं और पूजा करने से बचना चाहिए। इसके बजाय, मन में भगवान का ध्यान करना अच्छा माना जाता है।
- स्नान न करें – ग्रहण के दौरान नहाने से बचना चाहिए और ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके शुद्ध होना चाहिए।
Surya grahan kitne baje se hai?/सूर्य ग्रहण कितने बजे से है?
29 मार्च 2025 को शनिश्चरी अमावस्या के दिन एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होने जा रही है – सूर्य ग्रहण। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:21 बजे शुरू होगा और शाम 6:14 बजे समाप्त होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसका असर ज्योतिषीय और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
खगोल प्रेमियों के लिए यह एक शानदार मौका होगा, क्योंकि इस दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। सुरक्षित चश्मे या विशेष उपकरणों से ही सूर्य ग्रहण का निरीक्षण किया जाना चाहिए।
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